ऋषिकेश से बीजेपी के विधायक और धामी सरकार में वित्त, शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया. इस दौरान वो भावुक भी हो गए. उन्होंने कहा कि मुझे टारगेट किया जा रहा है और मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. दरअसल प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड के बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर एक ऐसा बयान दिया, जिसके बाद उत्तराखंड में सियासी भूकंप आ गया. प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन के अंदर पहाड़ियों पर एक टिप्पणी की थी इसके बाद न सिर्फ कांग्रेस ने, बल्कि सड़कों पर राज्य आंदोलनकारी, पूर्व सैनिक और महिलाओं के अलावा आम लोगों ने भी प्रेमचंद अग्रवाल के उस टिप्पणी का विरोध किया. विरोध ऐसा था कि पार्टी संगठन और सरकार बैकफुट पर चली गई. देहरादून से लेकर दिल्ली तक इस बात की आंच ऐसी पहुंची कि प्रेमचंद अग्रवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
अब प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा देने के साथ ही धामी कैबिनेट में फेरबदल की जल्द संभावनाएं बन गई हैं। इस्तीफा प्राप्त होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्यपाल को भेज दिया है। माना जा रहा है कि इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से मार्गदर्शन लेने सोमवार को मुख्यमंत्री दिल्ली जा सकते हैं। तेज हुई राजनीतिक हलचल के बीच कैबिनेट में नए मंत्री बनाए जाने और एक और मंत्री को बदले जाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। 23 मार्च को धामी सरकार का तीन साल कार्यकाल पूरा हो रहा है। सूत्र इससे पहले कैबिनेट बदलाव की संभावना जता रहे हैं। धामी कैबिनेट में चार नए चेहरों को जगह मिल सकती है।
तीन साल से कम कार्यकाल में धामी कैबिनेट में दो और कुर्सियां खाली हो चुकी हैं। सरकार गठन के दिन से ही तीन कुर्सियां खाली रखी गई थीं। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद एक कुर्सी खाली चल रही थी। अग्रवाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद खाली कुर्सियों की संख्या पांच हो जाएगी। धामी मंत्रिमंडल में खाली कुर्सियों को भरने की संभावना के बीच पार्टी के विधायकों के अरमानों को पंख लग गए हैं। वर्तमान में पार्टी में बिशन सिंह चुफाल, मदन कौशिक, बंशीधर भगत, खजानदास और अरविंद पांडेय, पांच ऐसे वरिष्ठ विधायक हैं जो पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। लेकिन ये सभी नाम उम्र, अनुभव, क्षेत्रीय, जातीय और राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से कितने उपयुक्त होंगे, यह केंद्रीय नेतृत्व व सीएम धामी को तय करना है।