बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की पारंपरिक प्रक्रिया के अंतर्गत गाडू घड़ा (तेलकलश) यात्रा 22 अप्रैल को राजदरबार नरेंद्र नगर से विधिवत शुरू हुई। देर शाम को महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, राजपरिवार, राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल, पुजारीगण, श्रद्धालुओं और श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारियों की उपस्थिति में पूजा-अर्चना के बाद तेलकलश को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया।
इससे पहले, 22 अप्रैल सुबह को डिम्मर गांव से डिमरी पंचायत के सदस्य ऋषिकेश पहुंचे थे और राजदरबार नरेंद्र नगर में पारंपरिक विधि से तेल निकालने की प्रक्रिया संपन्न हुई। सुहागिन महिलाओं ने पीतवस्त्र धारण कर ओखली में तिल कूटकर हाथों से तेल निकालकर उसे चांदी के घड़े में भरा।
तेलकलश यात्रा का पहला पड़ाव ऋषिकेश स्थित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की चेला चेतराम धर्मशाला/विश्राम गृह में रहा, जहां मंगलवार देर शाम यह यात्रा पहुंची। बुधवार 23 अप्रैल को प्रात: से यहां तेलकलश की विशेष पूजा-अर्चना होगी और श्रद्धालु दिनभर दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करेंगे।
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और अन्य विशिष्ट अतिथि भी ऋषिकेश में दर्शन हेतु पहुंचेंगे। इसके पश्चात 23 अप्रैल अपराह्न को गाडू घड़ा श्री शत्रुघ्न मंदिर, मुनिकीरेती की ओर प्रस्थान करेगा।
यह यात्रा विभिन्न पड़ावों से होती हुई 3 मई की शाम को बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। अंततः 4 मई को प्रात: 6 बजे भगवान बदरीविशाल के कपाट विधिपूर्वक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
इस पूरे आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, डिमरी पंचायत के सदस्य, बीकेटीसी के अधिकारी, एवं स्थानीय गणमान्यजन उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पवित्र यात्रा में भागीदारी निभाई।