उत्तराखंड ने अपने 24 वर्षों के विकास यात्रा में आर्थिक मोर्चे पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की है. राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 24 गुना इजाफा हुआ है, जबकि प्रति व्यक्ति आय में भी 17 गुना इजाफा हुआ है. राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में लगातार प्रगति की है. साल 2000 में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का आकार 14 हजार 501 करोड़ रुपये था, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 3 लाख 46 हजार करोड़ रुपये हो गया है. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड की जीएसडीपी में यह वृद्धि राज्य की समृद्धि को दर्शाती है.

यह न केवल आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि राज्य की समग्र प्रगति का प्रमाण भी है. राज्य की अर्थव्यवस्था का लगातार बढ़ता आकार और स्थिरता के संकेत दे रही है, जिससे आने वाले सालों में और भी अधिक विकास की संभावना है. इस आर्थिक प्रगति में पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. पिछले दो सालों में जीएसडीपी में पर्यटन क्षेत्र की हिस्सेदारी 37 फीसदी से बढ़कर 43.7 फीसदी हो गई है. उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थल देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, जिससे पर्यटन से होने वाली आय में भी लगातार इजाफा हो रहा है. राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान भविष्य में और बढ़ने की संभावना है, जिससे रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी.

राज्य के आर्थिक विकास का सकारात्मक प्रभाव प्रति व्यक्ति आय पर भी पड़ा है. साल 2000 में जहां प्रति व्यक्ति आय 15 हजार 285 रुपये थी, वह अब बढ़कर 2.60 लाख रुपये हो गई है. यह वृद्धि दर्शाती है कि राज्य की आर्थिक नीतियों ने आम जनता की आय और जीवन स्तर में सुधार किया है. पिछले दो सालों में प्रति व्यक्ति आय में 26 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. राज्य में विकास की रफ्तार पकड़ने के साथ-साथ बजट में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. साल 2000 में उत्तराखंड का बजट 4500 करोड़ रुपये था, जबकि 2024-25 के लिए राज्य का बजट 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है. इसमें 89 हजार 230.07 करोड़ का सामान्य बजट और 5 हजार 13.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट शामिल है.

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