उत्तराखंड स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम का स्थापना दिवस शनिवार को है। मेले से एक दिन पूर्व शुक्रवार को नैनीताल के साथ ही भीमताल, कैंची, भवाली और मुक्तेश्वर में पर्यटकों का दबाव बढ़ गया। सभी जगह अधिकांश होटल पैक हो गए हैं। इन सभी पर्यटक स्थलों में 50 हजार पर्यटकों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। शनिवार को यह दबाव और बढ़ेगा। पुलिस का यातायात प्लान दोपहर बाद से प्रभावी हो गया। स्थापना दिवस पर भवाली से कैंची तक का क्षेत्र जीरो जोन रहेगा। इसके अलावा जगह-जगह एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की भी तैनाती की जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि अल्मोड़ा में जंगल की आग से चार की मौत के बाद सरकार सतर्कता बरत रही है।
कैंची धाम में सुबह 5.30 बजे बाबा नीब करौरी महाराज को भोग लगाने के बाद मालपुए का प्रसाद बंटना शुरू हो गया है। सुबह पांच बजे से बाबा के दर्शन के लिए कैंची धाम में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। मंदिर समिति के प्रबंधक प्रदीप साह ने बताया कि बाबा को भोग लगाने के साथ मेला शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि रात 9 बजे तक मालपुए का प्रसाद बंटेगा। उन्होंने कहा कि इस बार 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही अभी तक पांच हजार से अधिक लोग प्रसाद लेकर लौट चुके हैं।
इस बार का कैंची मेला ऐतिहासिक होने जा रहा है। इसका अंदाजा कैंची मेले से एक दिन पहले शुक्रवार की शाम को यहां पहुंचे 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को देखकर लगाया जा सकता है। शुक्रवार की शाम को देश के कोने-कोने से पहुंचे 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रात भर हनुमान चालीसा का पाठ किया। बाबा के जयकारों से कैंची धाम गूंज उठा। मंदिर समिति की ओर से 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन कराया गया। सुबह से शाम तक मंदिर में बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।