उत्तराखंड में लोकसभा की सभी पांचों सीट पर नाम वापसी के साथ अब प्रत्याशियों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। शनिवार को अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर उक्रांद प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया। अन्य सीट पर किसी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। इस प्रकार अब पांच सीट पर 55 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें सबसे अधिक 14 प्रत्याशी हरिद्वार सीट पर हैं, जबकि अल्मोड़ा सीट पर सबसे कम सात प्रत्याशी हैं। गढ़वाल में 13, टिहरी गढ़वाल में 11 और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट के लिए 10 प्रत्याशी मैदान में डटे हैं।

सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए गए हैं। भाजपा, कांग्रेस और बसपा प्रदेश की सभी सीट पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि सपा ने इस बार एक भी प्रत्याशी खड़ा नहीं किया। चुनाव में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। देश के जिन राज्यों में प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है, उनमें उत्तराखंड भी शामिल है। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 20 मार्च को शुरू हुई थी। 27 मार्च तक चली प्रक्रिया में 63 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए। इनमें से सात नामांकन विभिन्न तकनीकी त्रुटियों के चलते जांच में निरस्त कर दिए गए।

बात दें कि इस बार 83 लाख 37 हजार 914 मतदाता इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनाव में 93 हजर 187 सर्विस मतदाता हैं। 18 से 19 साल के एक लाख 48 हजार 90 मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार ईवीएम का बटन दबाएंगे। 85 से अधिक आयु वर्ग के 65 हजार 160 और 80 हजार 335 दिव्यांग मतदाता हैं। 19 अप्रैल की सुबह सात बजे से लेकर एक जून 2024 को 6:30 बजे शाम तक एग्जिट पोल का प्रकाशन और प्रसारण नहीं किया जा सकेगा। इन प्रतिबंधों का सभी मीडिया हाउस को पालन सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही, मतदान खत्म होने के 48 घंटे पहले से ओपिनियन पोल करना और उसके निष्कर्ष का प्रकाशन और प्रसारण करना भी प्रतिबंधित रहेगा।

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