कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बदरीनाथ से विधायक रहे राजेंद्र भंडारी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने मौका परस्त करार दिया। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पार्टी के कई नेता भाजपा में गए हैं, लेकिन राजेंद्र भंडारी जैसा मौका परस्ती का उदाहरण कोई और दे नहीं सकता है।  उनकी पत्नी पर भाजपा ने कई आरोप लगाए थे। उन पर विजिलेंस जांच भी चल रही है। उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए ऐसा किया है। उनके ऊपर कई तरह के दबाव थे, हो सकता है वह इसलिए ही पार्टी से गए हों।

माहरा ने कहा भाजपा के मिशन लोटस में इसके कई उदाहरण हैं। अन्य जगहों पर भी ऐसे कई नेता थे जिन पर कई मुकदमे थे बाद में वह बीजेपी में चले गए। उन्होंने तंज कसा कि ‘बीजेपी की वॉशिंग मशीन में सब धुल-धुल कर पवित्र होने की कोशिश कर रहे हैं। सबके निजी स्वार्थ हैं, इसलिए वह जा रहे हैं। लेकिन अब जनता इसका जवाब देगी। ये बीजेपी का चाल चरित्र और चेहरा है जो सबके सामने जाहिर हुआ है। उन्होंने कहा इन सबकी चुनावों में जाकर हकीकत जनता को बताई जाएगी, अब जैसे ही कांग्रेस की सरकार आएगी तो उनके इन मामलों को दोबारा खोला जाएगा। जिन्होंने भी राज्य के साथ धोखा किया है, अनियमित्ताएं की हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

राजेंद्र सिंह भंडारी के पार्टी छोड़ने के बाद उत्तराखंड कांग्रेस प्रमुख करण माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को पत्र लिखकर दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनकी विधायकी रद्द करने की मांग की है. माहरा ने पत्र में लिखा है राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और भाजपा जॉइन कर ली. दल-बदल विरोधी कानून के तहत जिस पार्टी से चुनाव लड़ें, उसे ही छोड़ दें तो विधानसभा की सदस्यता अवैध हो जाती है. अत: राजेंद्र भंडारी की सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए. बता दें कि दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी की मौजूदगी में कांग्रेस के बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए.

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