प्रदेश में अब पीसीएस मुख्य परीक्षा से पहली बार मैथ्स एप्टीट्यूड बाहर कर दिया गया है। इससे आईआईटी व बीटेक बैकग्राउंड के छात्रों के चयन की परंपरा काफी हद तक खत्म हो जाएगी। उत्तराखंड पर आधारित दो पेपर पैटर्न में शामिल करने से राज्य को पढ़ने, समझने वाले युवाओं के लिए पीसीएस परीक्षा पास करने की राह आसान हो गई है।  उत्तराखंड में लंबे समय से मैथ्स एप्टीट्यूड को इसलिए हटाने की मांग चल रही थी क्योंकि इसकी वजह अधिकतर इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के युवाओं का ही चयन होता था।

हाल में आए पीसीएस मुख्य परीक्षा परिणाम से भी इसकी पुष्टि हो रही है। राज्य के दूर-दराज के उन युवाओं से पीसीएस बनने का सपना कोसों दूर था, जिनकी गणित पर पकड़ अपेक्षाकृत कम थी या जो साइंस के बजाए कला से जुड़े विषयों का अध्ययन करते थे। इस बार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस मुख्य परीक्षा का पैटर्न पूरी तरह बदल दिया है। पिछली पीसीएस परीक्षा तक 1500 अंकों की मुख्य परीक्षा और 200 अंकों का इंटरव्यू होता था। लेकिन अब 1500 अंकों की मुख्य परीक्षा और 150 अंकों का इंटरव्यू होगा।

ये हुए अहम बदलाव

पहले 300 अंकों का लैंग्वेज पेपर होता था जो अब दो हिस्सों में तोड़ दिया गया है। पहला 150 अंकों का जनरल हिंदी और दूसरा 150 अंकों का निबंध का पेपर होगा।

पहले सातवां पेपर जनरल एप्टीट्यूड एंड एथिक्स का था, जिसमें 150 अंकों का मैथ्स एप्टीट्यूड आता था। इसे पूरी तरह हटा दिया गया है। अब इस पेपर का नाम इथिक्स, इंटिग्रिटी एंड एप्टीट्यूड कर दिया गया है। जो 200 अंकों का होगा।

हिस्ट्री ऑफ इंडिया, नेशनल मूवमेंट, सोसाइटी एंड कल्चर को बदलकर अब इंडियन हेरिटेज एंड कल्चर, हिस्ट्री जियोग्राफी ऑफ द वर्ल्ड एंड सोसाइटी कर दिया गया है।

इंडियन पॉलिटी, सोशल जस्टिस एंड इंटरनेशनल रिलेशन पेपर का पैटर्न बदलकर अब गवर्नेंस, कांस्टीट्यूशन, पॉलिटी, सोशल जस्टिस एंड इंटरनेशनल रिलेशंस कर दिया गया है।

ज्योग्राफी ऑफ इंडिया एंड वर्ल्ड पेपर हटा दिया गया है। इसकी जगह टेक्नोलॉजी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, बायो डाइवर्सिटी, एनवायरमेंट, सिक्योरिटी एंड डिजास्टर मैनेजमेंट को शामिल किया गया है।

इसके अलावा दो पेपर उत्तराखंड से संबंधित ज्ञान पर कर दिए गए हैं, जिसका विस्तृत सिलेबस भी जारी किया गया है। यह दोनों पेपर 400 अंकों के होंगे।

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