हल्द्वानी का बनभूलपुरा उपद्रव और दंगे की आग में नहीं सुलगता यदि खुफिया रिपोर्ट की सूचना पर अमल कर लिया गया होता। दुर्भाग्य से पुलिस और प्रशासन विभाग ने खुफिया रिपोर्ट पर काम करने की जहमत नहीं उठाई, जिसकी बहुत बड़ी कीमत शांत हल्द्वानी को चुकानी पड़ी। मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरे घटनाक्रम के बारे में जो फीडबैक मिला है, उसके मुताबिक बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले खुफिया विभाग ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दे दी थी।

अब पुलिस ने 18 नामजद समेत पांच हजार उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। घटनास्थल और आसपास के इलाके से पांच शव बरामद कर लिए गए हैं। एक व्यक्ति की मौत बरेली ले जाते समय हो गई, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग कब्जे में ले ली है। पुलिस ने कई डीबीआर की हार्ड डिस्क कब्जे में ली है। क्षेत्र में अर्द्धसैनिक बल और भारी संख्या में वाहनों के साथ फोर्स ने बनभूलपुरा इलाके में फ्लैग मार्च किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हल्द्वानी पहुंचे और घायल पुलिस, निगम के कर्मचारियों के साथ ही घायल पत्रकारों से भी मुलाकात की। उन्होंने हल्द्वानी हिंसा को सुनियोजित तरीके से की गई गहरी साजिश करार दिया। नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी।

हल्द्वानी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बनभूलपुरा के उपद्रवियों को चिह्नित कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, डीएम वंदना ने बताया कि उपद्रवियों ने षड्यंत्र के तहत पूरी घटना को अंजाम दिया। यह पूरी घटना कानून-व्यवस्था पर हमला है। उन्होंने बताया कि मामले में 10-15 उपद्रवियों की अधिक सक्रिय भूमिका सामने आ रही है, जिन्होंने लोगों को भड़काने का काम किया। 30 जनवरी को जब क्षेत्र के घर व छतों में ड्रोन से चेकिंग कराई गई थी तो पत्थर व ईंट आदि नहीं थे। इसके बाद नगर निगम की ओर से नोटिस दिए गए तो उपद्रवियों ने साजिश के तहत छतों पर पत्थर एकत्र कर लिए। इसके बाद जब पुलिस प्रशासन और निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची तो हमला कर दिया। इस उपद्रव में अभी तक छह युवकों की मौत हुई है।

Share.

Leave A Reply

Exit mobile version