हरिद्वार के ज्वालापुर में बड़े क्षेत्रफल में शत्रु संपत्ति मौजूद है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ अफसरों और कर्मचारियों ने लोगों से सांठगांठ कर शत्रु संपत्ति की रजिस्ट्री करवानी शुरू कर दी थी। उस दौरान वहां बड़े पैमाने पर शत्रु संपत्तियां बेची गईं। शिकायत पर विजिलेंस ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि मौके पर शत्रु संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर निजी लोगों को बेचा गया, जिसमें सरकारी अधिकारियों की भी भूमिका सामने आने से हड़कंप मच गया।

शत्रु संपत्ति खुर्द-बुर्द करने के मामले में विजिलेंस ने 10 सरकारी अफसर और कर्मचारियों सहित 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में कुछ पीसीएस अफसरों को भी आरोपी बनाया गया। सूत्रों के अनुसार, केस दर्ज होने के बाद पीसीएस अफसरों में अंदरखाने नाराजगी है। बताया जा रहा है कि पीसीएस अफसर आपस में बैठक करते हुए इस विषय को शासन तक ले जाने का निर्णय कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार जिले के ज्वालापुर क्षेत्र में 21 बीघा शत्रु संपत्ति थी, जिसे सरकार में निहित किया जाना था। लेकिन, कुछ तत्कालीन पीसीएस अफसरों ने भू-माफिया से उस संपत्ति को सरकार में निहित करने के बाद खुर्द-बुर्द करने के लिए गठजोड़ कर लिया। बताया जा रहा है मामले में फर्जी तरीके से 10 से अधिक रजिस्ट्रियां करवा दी गईं। इसकी सूचना किसी ने विजिलेंस को दे दी। प्रारंभिक जांच में मामला सही पाए जाने के बाद विजिलेंस के देहरादून सेक्टर ने 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें पूर्व में तैनात दो पीसीएस अधिकारी भी शामिल हैं। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने और पूर्व पीसीएस के नाम सामने आने पर शासन और प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

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