मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, पूरी टीम के परिश्रम और संस्थाओं के सहयोग से 3.50 लाख करोड़ रुपये निवेश करार किए। 44,000 करोड़ की ग्राउंडिंग के कार्य प्रगति पर हैं। पीएम मोदी के विजन के अनुरूप नया उत्तराखंड देश का ग्रोथ इंजन बनने को तत्पर है। उन्होंने वचनबद्धता जताई कि उत्तराखंड निवेश करने वालों का विश्वास नहीं टूटने नहीं देगा। विश्वास जताया, उद्योगों के उत्तराखंड एक श्रेष्ठ ब्रांड साबित होगा। सरकार 21वीं सदी का तीसरा दशक मूर्तरूप से साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन का आह्वान करने पर उन्होंने पीएम का आभार जताया। स्थानीय उद्यमियों के सहयोग की तारीफ की और उन्हें उत्तराखंड ब्रांड एंबेसडर बताया।

उत्तराखंड सरकार की औद्योगिक प्रोत्साहन नीतियों से और यहाँ के माहौल से प्रभावित होकर देश दुनिया के निवेशकों ने निवेश में दिलचस्पी दिखाई है। जिससे वैश्विक निवेशक सम्मेलन में लक्ष्य से कई करोड़ के निवेश पर रिकॉर्ड करार किए गए। 3.50 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू प्रदेश सरकार ने साइन किए हैं। अब प्रदेश सरकार को निवेश को धरातल पर उतारने में आने वाली चुनौतियों से भी पार पाना होगा। निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए जमीन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध करना भी चुनौतीपूर्ण से कम नहीं है।

निवेशक सम्मेलन से पहले सरकार ने नये उद्योग लगाने के लिए 6000 एकड़ का लैंड बैंक तैयार किया है। राज्य गठन के बाद से प्रदेश में स्थापित सात औद्योगिक क्षेत्रों में अब नये उद्योग लगाने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है। जिससे सरकार ने नये स्थानों पर जमीन चिन्हित की है। वर्ष 2018 में त्रिवेंद्र सरकार के समय प्रदेश में पहला निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में 1.24 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू किए गए थे। लेकिन पांच साल में 30 हजार करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग हो पाई है। सम्मेलन में कई कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव पर करार किया, बाद में निवेश से हाथ पीछे खींच दिए। निवेशक सम्मेलन में जितने भी निवेश प्रस्ताव पर एमओयू हुए हैं, उन्हें धरातल पर उतारने के लिए तेजी से काम करना होगा। देरी होने की स्थिति में निवेशक निवेश की योजना बदल देते हैं। देश के हर राज्य निवेशकों को प्रोत्साहन कर रहे हैं। निवेशकों को जहां ज्यादा फायदा होता है, वहीं निवेश करता है।

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