चारधाम आलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन के बाद पांच दिन से फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए अस्थायी निकासी सुरंग बनाने का काम गुरुवार को शुरू हो गया। निकासी सुरंग बनाने में पिछले दो दिन से आ रही तकनीकी अड़चनों के बाद दिल्ली से मंगाई गई उच्च क्षमता की ड्रिलिंग मशीन (अमेरिकन औगर) से देर रात तक 900 मिमी व्यास के छह मीटर लंबे तीन पाइप बिछा दिए गए।

पाइप वेल्डिंग और एलाइनमेंट सही करने में ज्यादा समय लग रहा है। इसी गति से कार्य चलता रहा तो मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 48 घंटे का समय और लग सकता है। सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए मंगलवार को देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन क्षमता कम होने के चलते उसी दिन देर रात इसे हटा दिया गया था। इसके बाद दिल्ली से 25 टन वजनी नई अत्याधुनिक अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई। जिसकी खेप बुधवार को सेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंची थी। बुधवार देर रात तक ट्रक से मौके तक पहुंचाई गई।

मशीन पहुंचते ही इसे स्थापित करने का काम शुरू हुआ, जो कि बृहस्पतिवार सुबह तक चला। इसके बाद ड्रिलिंग शुरू की गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि बृहस्पतिवार रात तक 18 मीटर पाइप अंदर डाला गया है। दो पाइपों को वेल्डिंग कर जोड़ने में ही एक से दो घंटे का समय लग रहा है।वहीं पाइपों का एलाइनमेंट सही रखने की भी चुनौती है। उधर, केंद्रीय भूतल परिवहन राज्यमंत्री जनरल (सेनि.) वीके सिंह ने गुरुवार को सिलक्यारा पहुंचकर राहत व बचाव कार्य का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार बचाव कार्य की निगरानी करते हुए अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं।

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