मां दुर्गा की आराधना का पवित्र पर्व शारदीय नवरात्र आज रविवार से शुरू हो गया है। नौ दिनों तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की धूम रहेगी। इसके लिए शहर में पंडाल सज गए हैं। रविवार को घट स्थापना की जाएगी।आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी।  ज्योतिषाचार्य की मानें तो इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों का होगा और 30 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. शारदीय नवरात्रि पर बुधादित्य योग, शश राजयोग और भद्र राजयोग का निर्माण हो रहा है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ रविवार 15 अक्टूबर 2023 से हो रहा है.

वी भागवत पुराण में बताया गया है कि महालया के दिन जब पितृगण धरती से लौटते हैं तब मां दुर्गा अपने परिवार और गणों के साथ पृथ्वी पर आती हैं. जिस दिन नवरात्र का आरंभ होता है उस दिन के हिसाब से माता हर बार अलग-अलग वाहनों से आती हैं. माता का अलग-अलग वाहनों से आना भविष्य के लिए संकेत भी होता है जिससे पता चलता है कि आने वाला साल कैसा रहेगा. वैसे तो देवी दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन नवरात्रि की शुरुआत में वार के अनुसार देवी का वाहन बदल जाता है. इस बार नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है, इस कारण देवी का वाहन हाथी रहेगा. देवी के इस वाहन का संदेश ये है कि आने वाले समय में देश को लाभ हो सकता है. लोगों को सुख-समृद्धि मिलेगी.

हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. मां दुर्गा की उपासना का पर्व साल में चार बार आता है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है. शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. नवरात्रि की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर 2023 से होगी. 23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि समाप्त होगी. वहीं 24 अक्टूबर विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा. आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 मिनट से शुरू होगी. ये 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से होगी.

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