उत्तराखंड सरकार :- दिनांक 23 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, समान नागरिक संहिता के मामले से जुड़कर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
समान नागरिक संहिता एक ऐसा विधान है जो समान अधिकारों और दायित्वों के साथ सभी नागरिकों को संरक्षित करने का मुद्दा है। यह संहिता सभी धर्मों, समुदायों, जातियों और जनजातियों के लोगों के लिए एक सामान न्याय प्रणाली को स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। इस संहिता के माध्यम से उत्तराखंड सरकार एक समृद्ध और समान समाज के निर्माण का प्रयास कर रही है।
समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी, जिसने अपने 13 महीने के कार्यकाल में 63 बैठकें आयोजित कीं। इस समिति को ऑनलाइन, ऑफलाइन और बैठकों के माध्यम से 2.30 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। इस संहिता का ड्राफ्ट वर्तमान में अंतिम रूप देने के लिए काम कर रही है और उत्तराखंड सरकार इसे जल्द ही लागू करने का इरादा रखती है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विचार-विमर्श किया और समान नागरिक संहिता के लागू होने से संबंधित अपने सुझाव रखे। इसे लागू करने से यूएससी सरकार को समृद्ध और विकसित समाज का निर्माण करने में मदद मिलेगी और सभी नागरिकों को इसके फायदे उठाने में सामाजिक समानता की मिलेगी।
यूएससी सरकार की योजना है कि इस संहिता को इसी वर्ष के अंत तक लागू किया जाएगा और वह इसे जी भर के अपनाएगी। आने वाले लोकसभा और राज्य निकाय चुनावों में यह मुद्दा एक महत्वपूर्ण बात बन सकती है और लोग इसे बड़े ध्यान से देख रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली यात्रा के पीछे यह उद्देश्य भी था कि वे विशेषज्ञ समिति के काम के प्रगति और समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट की विकास रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपें।
इस समान नागरिक संहिता के लागू होने से यूएससी की राजनीति और समाज में एक नई दिशा मिलेगी। इससे सभी नागरिकों को बेहतर और समान अवसर मिलेंगे, और समाज में सामंजस्यपूर्ण और सहयोगी माहौल बनेगा। इससे युवाओं, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, और विभिन्न समुदायों के विकास में एक नई ऊर्जा आएगी और सभी लोग समृद्धि के नए मार्ग पर आगे बढ़ सकेंगे।
यूएससी सरकार के इस प्रयास को समर्थन देने वाले लोग उन्हें उनके सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए सराहनीय देखते हैं और उम्मीद है कि समान नागरिक संहिता जल्द ही लागू होकर उत्तराखंड को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाएगी।
समान नागरिक संहिता के लागू होने से उत्तराखंड के विकास में एक नई गति मिलेगी और राज्य समृद्धि के पथ पर अग्रसर होगा। यह सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है और यह उत्तराखंड को विश्वस्तरीय रूप से मान्यता प्राप्त राज्यों में शामिल करने में मदद करेगा।