प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। पीएम मोदी का ये दौरा काफी खास है। पीएम मोदी ने इस खास मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन से मुलाकात की और उनको तोहफे दिए। पीएम मोदी के द्वारा दिया गया ये तोहफा काफी खास है और उत्तराखंड के लिए तो ये गर्व का प्रतीक बन गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कुछ उपहार भेंट स्वरूप दिए हैं। जिनमें एक खास बॉक्स शामिल है। इस बॉक्स में जो उपहार है वो भारत के हर एक राज्य की खासियत को दर्शाता है। जी हां इस बॉक्स में दस दान राशियां हैं। आईए जानते हैं क्या है ये दस दान राशि।

गौदान (गाय का दान), भूदान (भूमि का दान), तिलदान (तिल के बीज का दान), राजस्थान में हस्तनिर्मित, 24K शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान), रौप्य दान (चांदी का दान), लवंदन (नमक का दान), बॉक्स में गणेश जी की मूर्ति है, एक दीया (तेल का दीपक), डिब्बे में पंजाब का घी है, झारखंड के टसर रेशम का कपड़ा, उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल और महाराष्ट्र का गुड़। प्रधानमंत्री मोदी ने जो दस दान राशि अमेरिका के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी को भेंट किए उनमें उत्तराखंड का लंबे दाने वाला चावल भी शामिल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को धान्य दान के रूप में उत्तराखंड में उत्पन्न होने वाले लंबे चावल भेंट करने पर प्रधानमंत्री मोदी जी का धन्यवाद प्रकट किया।

गौरतलब है कि यह चावल करीब 19वीं सदी में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत से भारत पहुंचा था। साल 1840 में हुए प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के उपरांत अंग्रेजों ने गजनी के साथ ही दोस्त मोहम्मद खान पर विजय प्राप्त की। जिसके बाद साल 1842 में दोस्त मुहम्मद खान ने अपने राज्य पर दोबारा कब्जा तो किया लेकिन बाद में हुए दूसरे आंग्ल-अफगान युद्ध के बाद मोहम्मद खान को अफगानिस्तान से निकलना हुआ और वह देहरादून में आकर रहने लगे। उत्तराखंड में रहने आने के साथ ही वह अपने दैनिक आहार के उत्पादन की वस्तु साथ लाए, जिससे इस क्षेत्र में बासमती चावल का उत्पादन शुरू हुआ।

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