उत्तराखंड में दो साल बाद हो रहा बजट कई मायने में महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार इस बजट-2023 में कई नई योजनाओं को लाने जा रही है। मार्च 2021 के बाद अब मार्च 2023 में गैरसैंण विधानसभा परिसर को खिलखिलाते देख स्थानीय लोग खुश तो हैं, लेकिन सवाल भी है कि आखिर बजट सत्र ही क्यों? सत्र की तैयारियों के तहत विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी बीते रोज ही गैरसैंण पहुंच गई थीं। रविवार सुबह से ही डीजीपी अशोक कुमार, डीएम हिमांशु खुराना और उनके बाद विस अध्यक्ष खंडूड़ी सिलसिलेवार विस सत्र की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर चुके हैं। आम परंपरा रही है कि राज्यपाल बजट सत्र के दिन ही सुबह गैरसैंण पहुंचते हैं। लेकिन, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) रविवार दोपहर ही गैरसैंण आ गए।

उत्तराखंड विधानसभा के सोमवार 13 मार्च से गैरसैंण (Garsain Uttarakhand Vidhansabha Session) में शुरू हो रहे बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्षी कांग्रेस भर्ती परीक्षा घोटाले, बेरोजगारों पर लाठीचार्ज और जोशीमठ भूधंसाव जैसे अनेक मुद्दों पर सदन से लेकर सड़क तक पुष्कर सिंह धामी सरकार को घेरने की तैयारी में है। बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस तथा कई अन्य संगठनों की ओर से विधानसभा घेराव के आह्वान के चलते प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस की ओर से बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने कई स्तरों पर सुरक्षा व्यवस्था की है। इसका निरीक्षण गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक तथा चमोली के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने किया है।

बजट सत्र के लिए 13 से 18 मार्च की अवधि तय होने के बाद से विधानसभा सत्र की तैयारियों में जुट गई थी, जो पूर्ण हो चुकी है। पांचवीं विधानसभा का यह चौथा और इस वर्ष का पहला सत्र है। इसमें राज्य का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया जाना है। रविवार देर शाम को गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन के सभागार में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के लिए विधायी व संसदीय कार्यों पर चर्चा और 13 व 14 मार्च का एजेंडा तय किया गया। पहले दिन सोमवार को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। अगले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के साथ ही विधायी कार्य होंगे। बताया गया कि सत्र के दौरान भर्ती परीक्षाओं में नकलरोधी कानून, राज्याधीन सेवाओं में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, मतांतरण कानून में संशोधन समेत 10 विधेयक सरकार की ओर से पेश किए जाएंगे। इनमें छह पुराने और चार नए विधेयक हैं।

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