हरिद्वार पहुंचे देश के पूर्व कानून मंत्री और सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर हरकी पैड़ी को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का कोई औचित्य नहीं है। कॉरिडोर निर्माण के लिए कई मंदिरों के भवनों में संशोधन करना पड़ सकता है जो ठीक नहीं है। कहा कि क्षेत्र में अच्छीयातायात व्यवस्था बने यह अधिक आवश्यक है। वहीं विधानसभा के कर्मियों को बर्खास्त करने के फैसले को गलत करार देते हुए उन्होंने इसे संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन बताया और मुख्यमंत्री धामी से कर्मियों को पुनः बहाल करने की मांग की।

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी दो दिवसीय दौरे पर आज हरिद्वार पहुंचे। यहां उत्तराखंड विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के समर्थन में वार्ता करते हुए डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में कर्मियों को नियुक्त कर 2001 से 2015 तक नियमित कर दिया गया, लेकिन इसके बाद 2016 से भर्ती हुए कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। बिना कारण वर्ष 2016 के बाद के कर्मियों को बर्खास्त करना भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है। इसे सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की रणनीति बनाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जैसे 2001 से 2015 तक के कर्मियों को नियमित किया, इन बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल कर नियमित करने का फैसला लेंगे। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो सुप्रीम कोर्ट में सरकार हारेगी।

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि आज तक जो भी केस मैने लड़े, सभी में जीत मिली है। इस मामले में भी बर्खास्त कर्मचारियों की जीत होगी। वे इस मामले में सीएम धामी को पत्र भी लिख चुके हैं। कहा कि एक ही संस्थान में एक ही प्रक्रिया से नियुक्ति पाने वाले कार्मिकों की वैधता में दो अलग-अलग निर्णय कैसे हो सकते हैं। कुछ लोगों की नियुक्ति को अवैध बताने के बाद भी बचाया गया, जबकि कुछ को अवैध करार कर बर्खास्त भी कर दिया गया। यह कार्यवाही कहीं से भी उचित नहीं लगती है।

 

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