उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी है। गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने ऋषिकेश में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा सीजन की पहली बैठक की। इस बैठक के दौरान पूर्व में यात्रा के दौरान आई समस्याओं और उनके निराकरण के साथ व्यवस्था तैयार करने पर चर्चा की गई। आपको बता दें कि इस दौरान तय किया गया कि यात्रा के लिए पंजीकरण 21 फरवरी से शुरू होंगे। इसके पंजीकरण के लिए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन व्यवस्था भी की जाएगी। साथ ही यह भी तय किया गया कि परिवहन और पर्यटन विभाग के एक ही एप से पंजीकरण करवाया जाएगा। गत वर्ष दो एप से पंजीकरण होने के चलते यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी।

पहली बार यात्रा शुरू होने से दो माह पहले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एडवांस बुकिंग शुरू की जा रही है। इससे बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु यात्रा का प्लान बनाकर पंजीकरण कर सकते हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने से यात्रा पंजीकरण के लिए 21 फरवरी से पर्यटन विभाग की वेबसाइट खुल जाएगी। जब तक गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की मंदिर समितियों की ओर से औपचारिक घोषणा नहीं की जाती है तब तक बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण किया जाएगा। जैसे की गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर समितियों की ओर से तिथि घोषित की जाती है। उसी दिन इन धामों के लिए श्रद्धालु पंजीकरण कर सकेंगे।

साल 2022 में कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने पिछले साल नया रिकॉर्ड बनाया था। बताते चलें कि पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। इसके साथ हीं 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया था। बता दें कि पिछले साल बदरीनाथ धाम में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु पहुंचे थे। तो वहीं, रिकॉर्ड संख्या में गंगोत्री धाम में 624451 तीर्थ यात्री पहुंचे जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्री दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ यात्रा की बात करें तो रिकॉर्ड के अनुसार 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि यात्रा से 211 करोड़ का कारोबार हुआ था।

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