पहाड़ और प्रतिभा एक ही सिक्के के दो पहलु है। ये बात कहने में अब किसी को भी संकोच नहीं करना चाहिए। आज देवभूमि की बेटियां और बेटे हर क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे है। जिस तरह से विगत सालों में पहाड़ों से देश को कई बड़ी प्रतिभाएं मिली है उससे साफ होता है कि पहाड़ को प्लेटफाॅर्म के जरूरत थी जो आज मिल रही है। उत्तरकाशी के अंशुल जुबली मिक्स्ड मार्शल आर्ट में नया कीर्तिमान बनाया है। आगे पढ़िये…

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जी हां आपको भी यह जानकारी खुशी होगी कि उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी गांव निवासी अंशुल जुबली यूएफसी अनुबंध हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। रविवार को इंडोनेशिया में यह प्रतियोगिता आयोजित हुई थी। जिसमें अंशुल ने अपनी प्रतिभा का डंका बजा दिया। अंशुल ने अनुबंध हासिल करने के दौरान लाइट वेट डिवीजन में रोड टू यूएफसी प्रतियोगिता जीतने के लिए इंडोनेशिया के जेका सारागिह को हराया। उन्होंने दो राउंड के अंदर ही अपने प्रतिद्वंद्वी को पटकनी दी है। जिसके बाद तकनीकी नॉकआउट के तहत अंशुल जुबली को विजेता घोषित किया गया। आगे पढ़िये…

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गौरतलब है कि उत्तराखंड के अंशुल जुबली से पहले से भरत खंडारे को यूएफसी अनुबंध हासिल करने का खिताब मिला है। अपनी सफलता पर अंशुल जुबली खुशी का इजहार करते हुए बताया कि यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। उनका लक्ष्य है कि वह दुनिया में मिक्स्ड मार्शल आर्ट में सर्वश्रेष्ठ बनें। बता दे कि भारत में यूएफसी ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। यूएफसी की फाइट असल में लड़ी जाती है। मिक्स्ड मार्शल आर्ट (एमएमए ) सभी कॅाम्बैट स्पोर्टस का मिक्स है।

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