उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने फोटो एडिट कर अश्लील वीडियो बनाने और फिर पैसा न देने पर सोशल मीडिया  पर अपलोड करने और घरवालों को भेजने की धमकी देने के मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब पेश न करने पर फेसबुक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। चीफ जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने फेसबुक से 16 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी आलोक कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि वे इस मामले में स्वयं भी पीड़ित हुए हैं। वकील अभिजय नेगी ने बताया कि याचिका के माध्यम से न्यायालय को बताया कि फेसबुक में लोगों की फर्जी आईडी बनाकर फ्रेंड्स रिक्वेस्ट भेजी जा रही है।

इसके कुछ समय बाद फ्रेंड्स रिक्वेस्ट मंजूर कर लेने के बाद उनकी फोटो को एडिट कर उनकी अश्लील वीडियो बनाई जा रही है। ये वीडियो बनाकर उन्हें भेज दी जाती है और उनसे कहा जा रहा है कि इतने पैसे दो नहीं देने पर आपका यह वीडियो उसके घरवाले या दोस्तों को भेज दिया जाएगा। उत्तराखंड में अभी तक ऐसे 45 मामले सामने आ चुके हैं। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि इस मामले हरिद्वार पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल फरवरी में कानून बनाकर फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया माध्यमों को लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और ऐसे मामलों के निस्तारण के लिये कारगर तंत्र बनाने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने पिछले साल आठ सितम्बर को सुनवाई के बाद केन्द्र व राज्य सरकार के साथ फेसबुक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

साइबर ठगों ने फेसबुक को कमाई का धंधा बना दिया है। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में आग्रह किया कि फेसबुक को निर्देश दिए जाएं कि ऐसी हरकत करने वालों की आईडी ब्लॉक की जाए। सोशल मीडिया से अश्लीलता से भरे वीडियोज हटाए जाएं। फेसबुक, एसएसपी, डीपीजी को निर्देश दिए जाएं कि एक ऐसा नंबर जारी करें जिसमें पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज करा सकें।

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