उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई शीशपाल अग्रवाल के घर डकैती के बाद से फरार एक लाख रुपये के इनामी बावला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस मामले में लगभग 75 फीसदी जेवर और 65 फीसदी नगदी की बरामदगी का दावा किया है। हालांकि, अभी तीन आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने मंगलवार दोपहर प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 अक्तूबर को शीशपाल के घर महिलाओं को बंधक बनाकर बदमाशों ने दिन में डकैती को अंजाम दिया था। इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

लेकिन, मुख्य आरोपियों में शामिल मेहरबान उर्फ बावला निवासी खालापार मुजफ्फरनगर (यूपी) हाल पला-सैय्यद कॉलोनी जयपुर राजस्थान फरार था। पुलिस ने आरोपी की मोबाइल लोकेशन ट्रेस करके उसे मोतीचूर फ्लाईओवर के पास से पकड़ा। आरोपी से तमंचा और दो कारतूस भी मिला। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने दो कंगन, दो मंगलसूत्र, कान के दो टॉप्स और चार झुमके, चांदी के 28 सिक्के, मोबाइल फोन, पीएनबी का एटीएम कार्ड, 15 हजार की नगदी भी बरामद की। इस वारदात में लूटे गए 20 लाख में से 12.10 लाख रुपये मिल चुके हैं। जबकि, तीन आरोपी फरार हैं।

डकैती का साजिशकर्ता महबूब छह महीने में चार बार डकैती या लूट की योजना बना चुका था। लेकिन, हर बार कोई न कोई बाधा आ जाती थी। पिछले दिनों पांचवीं बार साजिश रची और सफल भी हो गया। सामने आया कि महबूब वैसे तो दो साल से इस घर में लूट की सोच रहा था। इसके लिए वह परिवार के लोगों से भी मेलजोल बढ़ा रहा था। उसे पता था कि अग्रवाल परिवार का बेटा दिल्ली में रहता है। शीशपाल अग्रवाल सुबह दुकान पर जाते हैं और दोपहर दो बजे लंच के लिए आते हैं। इसी बीच लूट को अंजाम दिया जा सकता है। इसकी तैयारी वह काफी दिनों तक करता रहा। उसने अपने साथी मनव्वर और शमीम को लेकर घर की रेकी शुरू कर दी। मेलजोल बढ़ाने के लिए उनकी दुकान पर भी अक्सर आता-जाता था। लोगों पर विश्वास जमाकर उसने घर में रखे सामान की भी जानकारी जुटा ली थी।

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