फटी जींस बयान पर विवादों में घिर चुके उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक बार फिर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ‘परसेंटेज’ के बिना कोई काम नहीं होता है। रावत का कहना था कि यह बात उन्होंने पहले भी कई बार कही है। कहा कि कमीशनखोरी जैसे मामलों पर लगाम लगाने को सख्त से सख्त कदम उठाने की जरूरत है। रावत ने कहा कि अधिकारियों को दंडित करने से कुछ नहीं होने वाला है जबतक कि जनप्रतिनिधियों की भी जिम्मेदारी तय करते हुए उनके खिलाफ एक्शन नहीं होता। मीडिया रिपोर्ट्रस के अनुसार, पूर्व सीएम तीरथ ने कहा कि चाहे जल निगम हो या फिर जल संस्थान या फिर और कोई विभाग हो, ऐसा वह सुनते थे कि यूपी के समय पर काम करवाने के लिए जीरो से 20 प्रतिशत तक का कमीशन तय होता था।

लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद प्रदेश में कमीशनखोरी में इजाफा हुआ है। तीरथ सिंह रावत ने इस बार अपने बयान में राज्य में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि, “उत्तराखंड में परसेंटेज के बिना कोई काम नहीं होता है।” पूर्व सीएम रावत ने कहा कि, यह बात उन्होंने पहले भी कई बार कही है। कहा कि कमीशनखोरी जैसे मामलों पर लगाम लगाने को सख्त से सख्त कदम उठाने की जरूरत है। पूर्व सीएम तीर्थ सिंह रावत ने कहा कि, “मुझे यह कहना नहीं चाहिए क्योंकि मैं मुख्यमंत्री पद पर भी रहा हूं, और उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है, लेकिन मुझे कहने में कोई हिचक नहीं होती की जब हम उत्तर प्रदेश में थे तो हमे कमशनखोरी छोड़कर आना चाहिए था, जो हुआ नहीं। इसके उलट दुर्भाग्य यह हुआ कि 20 से जीरो आने के बजाय हम लोग 20 परसेंट कमशीनखोरी से शुरू हुए हैं।”

यूपी से अलग होकर पिछले 22 सालों में उत्तराखंड के अंदर कमीशनखोरी में इजाफा हुआ है। उत्तराखंड में बढ़े हुए भ्रष्टाचार की वजह से आम आदमी को छोटा-छोटा काम करवाने के लिए बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पूर्व सीएम तीरथ को सलाह देते हुए कहा कि वह हिम्मत दिखाते हुए शीर्ष नेतृत्व से लेकर प्रदेश नेतृत्व के सामने इस बात को रखें, ताकि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

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