पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार की पत्नी से संबंधित सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड एक बार फिर मनी लांड्रिंग और अनधिकृत वित्तीय गतिविधियों के दायरे में आ गई है। शासन के निर्देशों के क्रम में पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी है। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डा वी मुरुगेशन ने आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

सोशल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड नाम की इस कंपनी में प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार की पत्नी वर्ष 2017 से 2020 तक डायरेक्टर थीं। वर्तमान में भी उनके रिश्तेदार ही इसमें डायरेक्टर बताए जा रहे हैं। आरोप है कि इस अवधि में कंपनी में फर्जी तरीके से हजारों लोगों के नाम से आरडी-एफडी में रुपया जमा कर काले धन को वैध किया गया। इस मामले में विधायक खानपुर उमेश कुमार ने शासन से शिकायत की थी। इस कंपनी का मुख्यालय देहरादून-हरिद्वार बाईपास के ब्राह्मणवाला में है। यह कंपनी आरडी, एफडी, बचत खाते आदि वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है।

आरोप है कि वर्ष 2017 से 2020 तक कंपनी में 200 करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि एफडी के रूप में जमा की गई। अलग-अलग नामों से खुले इन खातों की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनमें से कई लोग मर चुके हैं। वहीं, कुछ लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से एफडी चल रही है। यहां तक कि दिसंबर 2020 में विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जम कर हंगामा किया था। यद्यपि, उस समय सरकार ने इन तमाम आरोपों को सिरे से नकार दिया था। तब यह कहा गया था कि आरबीआइ ने इस मामले को स्पष्ट कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार ने इस पर कहा कि इस कंपनी में मेरी कोई भागीदारी नहीं है। यह परिवार जनों से संबंधित कंपनी है। वैसे भी इसकी जांच पूर्व में दो बार हो चुकी है। पुलिस भी पहले इसकी जांच कर चुकी है। अब ऐसा लग रहा है कि कोई जबरन इस प्रकरण को उठा कर हम पर निशाना साधना चाहता है।

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