पेपर लीक प्रकरण में जेल में बंद हाकम सिंह के तीन और भवन आज शनिवार को ध्वस्त किए गए। अब तक पांच भवनों को ध्वस्त कर दिया गया है। ध्वस्तीकरण के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पहले दिन ही पूरी कर ली थी। उक्त तीनों भवन सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। प्रशासन ने इन्हें खाली करने के आदेश भी जारी किए थे। बीते 4 अक्टूबर को गोविंद वन्य जीव विहार ने वन विभाग की भूमि पर हाकम सिंह की ओर से बनाए गए दो रिजॉर्ट ध्वस्त किए थे। इसके बाद राजस्व विभाग ने भी सरकारी भूमि पर बने तीन भवनों को खाली करने के आदेश दिए थे जिसकी समायवधि 7 अक्तूबर निर्धारित की गई थी। निर्धारित समयावधि तक भी इन भवनों को खाली नहीं किया गया जिस पर अब प्रशासन ने इन्हें ध्वस्त कर दिया।

शनिवार को सिदरी गांव के पास बने भवनों को तोड़ने के लिए जब प्रशासन के बुलडोजर वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने इस कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन प्रशासन ने अपना काम करते हुए बुलडोजर चलाकर भवनों को जमींदोज कर दिया। इस दौरान तीन भवनों में लगभग 50 कमरों सहित दो किचन व दो डाइनिंग हॉल ध्वस्त किए गए। एसडीएम पुरोला जितेंद्र ने कहा कि तीन भवन राजस्व भूमि पर चिह्नित थे। जिनको तोड़ने की कार्रवाई की गई और आगे भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रहेगी। इससे पहले बीती 4 अक्तूबर को सांकरी में सिदरी गांव में स्थित रिजॉर्ट को पूरी तरह ध्वस्त किया गया। हाकम सिंह का ये आलीशान सांकरी रिजॉर्ट लोनिवि, राजस्व व वन विभाग की भूमि पर संयुक्त रूप से बना था।

वन विभाग और राजस्व प्रशासन ने हाकम की कब्जाई जमीन का दो बार सर्वे किया। पहले सर्वे के बाद हाकम की पत्नी एसडीएम कोर्ट गई और दलील रखी कि हाकम की जमानत होने तक अवैध ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। एसडीएम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दोबारा से टीम गठित कर राजस्व प्रशासन को सर्वे के आदेश दिए। राजस्व टीम ने सर्वे में फिर से अवैध कब्जे की पुष्टि करते हुए ध्वस्तीकरण की सिफारिश की। सर्वे में पाया गया कि हाकम सिंह ने राजस्व की 1.128 व गोविंद वन्य जीव विहार की 0.90 हेक्टेयर भूमि समेत लगभग सौ नाली जमीन पर अवैध कब्जा किया है। जिस पर उसने तीन भवन बनाने के साथ ही 130 पेड़ों का सेब बागीचा भी तैयार किया है।

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