राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत विधानसभा सीट से प्रदेश के चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी जीत हासिल की। चुनाव में 93 प्रतिशत मत प्राप्त कर अब तक के सर्वाधिक मतों के अंतर से जीतने वाले विधानसभा सदस्य बन गए हैं। जून माह की उमस भरी गर्मी में भारतीय जनता पार्टी के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर रही। विधानसभा के चुनाव में उनकी हार आम उत्तराखंडी और विपक्ष के लिए जितनी चौंकाने वाली थी, उपचुनाव की यह जीत उतनी ही प्रत्याशित।

पार्टी हाईकमान ने हार के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर भरोसा जताया और वह इस पर खरे भी उतरे। चम्पावत उपचुनाव का परिणाम धामी के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके फलितार्थ पर आने वाले समय तक नजर रहेगी। उत्तराखंड में गत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की तमाम संभावनाओं को खारिज करते हुए भारी बहुमत प्राप्त किया। पार्टी के कमजोर खिलाड़ी भी मोदी फैक्टर के चलते मैदान मारने में सफल रहे।

बावजूद इसके स्वयं धामी मुख्यमंत्री रहते और मुख्यमंत्री का घोषित चेहरा होते हुए भी अपनी सीट (खटीमा) से पराजित हो गए थे। यह हार उनके लिए ही नहीं, बल्कि पार्टी नेतृत्व के लिए भी बड़ा झटका थी और राज्यवासियों को झकझोरने वाली भी। सुविधाजनक बहुमत और अनुशासित संगठन के बूते ही पार्टी नेतृत्व धामी को हार के बावजूद मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय ले पाया। अब वह ऐतिहासिक जीत के साथ मुख्यमंत्री हैं।

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