जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में जड़ी बूटियों को एकत्र कर उसके गोले तैयार किए जाते हैं। इन्हीं गोलों से जब चाहिए मदिरा तैयार कर सकते हैं। इसके लिए जौनसार बावर में किमावणा पर्व धूमधाम से मनाया गया। जिसमें पारंपरिक लोकगीतों के बीच कीम जड़ के गोले तैयार किए गए। जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर अपनी अनूठी संस्कृति और रीति-रिवाजों के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में परंपराएं और रीति रिवाज व पारंपरिक पर्व को मनाने का अपना अनोखा ही अंदाज है। जो अपने आप में जौनसार की संस्कृति को चार चांद लगाने का काम करता है।

कुछ हिस्सों में मनाया जाता किमावणा पर्व
पर्वों में जौनसार बावर के कुछ हिस्सों में किमावणा पर्व मनाया जाता है। स्थानीय लोग जंगलों से अपने मेहमानों के लिए कीम जड़ चुनकर लाते हैं, जिसमें तमाम तरह की जड़ी बूटियां होती है। किमावणा पर्व पर लोग अपने घर के आंगन में पारंपरिक गीत गाकर जड़ी बूटियां कूटते हैं।

मेहमानों को दावत के लिए करते आमंत्रित
विशेषकर महिलाएं हास्य व जौनसार बावर के पारंपरिक लोकगीत गाती हैं और ग्रामीण एक दूसरे के मेहमानों को अपने घर की दावत के लिए आमंत्रित करते हैं और विशेष रूप से स्थानीय व्यंजन महिलाओं द्वारा बनाए जाते हैं।उन्हीं व्यंजनों को शाम को मेहमानों को परोसा जाता है।

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