लक्ष्य भेदने के लिए दृष्टि होना जरूरी नहीं। इरादे मजबूत हों और कुछ करने की ललक अचूक निशानेबाज बना सकती है। दून के दृष्टिबाधित छात्रों ने यह साबित कर दिखाया। राष्ट्रीय दृष्टिबाधित सशक्तीकरण संस्थान के छात्रों ने बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 12वीं के छात्र अब अपनी क्षमता और प्रतिभा से दुनिया में छाप छोड़ना चाहते हैं।

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में दून स्थित राष्ट्रीय दृष्टिबाधित सशक्तीकरण संस्थान के छात्रों ने भी सराहनीय प्रदर्शन किया है। भले ही ये छात्र दुनिया को अपनी आखों से नहीं देख सकते, लेकिन अपनी उत्कृष्ट बुद्धि के बल पर हर क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी का दावा पेश कर रहे हैं। स्कूल की मीनाक्षी सैनी ने 12वीं कक्षा में 90 प्रतिशत अंकों के साथ स्कूल टाप किया है।

जबकि, खिलीमल सैनी 89 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरे और विजय सिंह 88.4 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे हैं। इसके अलावा 10वीं में विज्ञान संकाय में रितिक कुमार 77.33 प्रतिशत के साथ पहले, गौरव भट्ट 73.33 प्रतिशत के साथ दूसरे, सत्येंद्र सिंह 70.83 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

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