उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में लीक पेपर से पास होने वाले 50 से ज्यादा युवाओं को एसटीएफ ने चिह्नित किया है। मुकदमे की चार्जशीट में 100 से ज्यादा आरोपी बनाए जा सकते हैं। कई नेताओं के भी शामिल होने की चर्चा इसमें हो रही है। उनके खिलाफ कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। डीजीपी अशोक कुमार ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में अब तक की कार्रवाई साझा की है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ जांच में पेपर लीक करने वालों के साथ पेपर खरीदकर परीक्षा देने वालों की अलग-अलग जांच कर रही है। बीते साल चार और पांच दिसंबर को हुई भर्ती परीक्षा में 1.60 लाख युवा शामिल हुए, जिनमें से 916 चयनित हुए। इस पूरे मामले में 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज हुआ था।

इसके बाद से अब तक पांच सरकारी कर्मचारियों के साथ कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में पेपर तैयार कराने वाली आउटसोर्स कंपनी के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। यूकेएसएसएससी में पेपर लीक मामले में जैसे-जैसे कड़ी दर कड़ी से जुड़ती गई, वैसे ही गिरफ्तारियों का सिलसिला बढ़ता गया। मामले में शुक्रवार को एक और गिरफ्तारी की गई। अब तक एसटीएफ 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ ने सचिवालय में नियुक्त हाल अपर निजी सचिव, सूर्य प्रताप निवासी ग्राम निवाड़ मंडी जसपुर जनपद उधम सिंह नगर को गिरफ्तार किया। न्याय विभाग को पुख्ता साक्ष्य मिलने पर मामले में संलिप्त होने पर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

मुख्य आरोपी आउटसोर्स कंपनी आरएमएस सॉल्यूशन के डाटा एंट्री ऑपरेटर अभिषेक वर्मा को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। वर्मा की जिम्मेदारी पेपर छपने के बाद सील करने की थी, लेकिन उसने तीनों पालियों के एक-एक सेट को टेलीग्राम एप से अपने साथियों को भेज दिया था। इस काम के उसे 36 लाख रुपये मिले थे। गिरफ्तार अभिषेक वर्मा की एसटीएफ ने न्यायिक रिमांड मांगी थी, जिसको स्वीकार करते हुए तीन दिन की न्यायिक रिमांड मिली थी।

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