देवभूमि उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदल ली है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से शनिवार रात को पर्वतीय क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हुई। हालांकि, शुक्रवार को दिनभर बादलों और धूप की आंख-मिचौनी चलती रही। इस दौरान कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा भी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच दिन प्रदेश में भारी वर्षा के आसार हैं। भूस्खलन और नदियों के उफान को लेकर चेतावनी जारी की गई है।  इस बीच 29 जून को मानसून के पहुंचने की संभावना है। इस दिन राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान भूस्खलन होने और नदियों में उफान आने को लेकर भी अलर्ट किया गया है।

शनिवार रात चमोली और कर्णप्रयाग में मूसलधार वर्षा और अन्य क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। उधर, कुमाऊं में रविवार को वर्षा ने गर्मी और उसम से राहत दी। यहां पहाड़ से लेकर मैदान तक झमाझम वर्षा हुई। वर्षा के बाद अधिकतम तापमान लुढ़का नैनीताल में सुबह वर्षा के बाद अधिकतम तापमान लुढ़ककर 22 डिग्री के आसपास आ गया। पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर में भी वर्षा होने से राहत मिली। वहीं, देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी के बाद धूप खिल गई।

कुमाऊं में रविवार को वर्षा ने काफी राहत दी। पहाड़ से लेकर मैदान तक हल्की व मध्यम वर्षा हुई। बागेश्वर जिले के कपकोट मोटर मार्ग में हरसिला के समीप भूस्खलन होने से लगभग दो घंटे यातायात बंद रहा। नैनीताल में सुबह वर्षा के बाद अधिकतम तापमान लुढ़ककर 22 डिग्री के आसपास आ गया। पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा व ऊधम सिंह नगर जिले में भी हल्की वर्षा ने राहत दी।

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