उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण फिलहाल बंद कर दिया गया है। बिना पंजीकरण ऋषिकेश से ऊपर यात्रियों को जाने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में ऋषिकेश और हरिद्वार में ही साढ़े नौ हजार तीर्थयात्री फंस गए हैं। सभी के होटल, धर्मशाला, लॉज में शरण लेने के कारण ऋषिकेश, हरिद्वार पूरी तरह पैक हैं। रिजर्व कोटे से इमरजेंसी फोटो रजिस्ट्रेशन कर शुक्रवार को सात सौ यात्रियों को चारधाम भेजा गया। करीब सवा तीन हजार से अधिक यात्री अभी भी रजिस्ट्रेशन नहीं होने से ऋषिकेश में डेरा डाले हैं। फोटो पंजीकरण केंद्र के प्रभारी प्रेमअनंत ने बताया कि शुक्रवार शाम चार बजे ऋषिकेश, भद्रकाली और शिवपुरी में इमरजेंसी रजिस्ट्रेशन कर रिजर्व कोटे से सात सौ यात्रियों को भेजा गया। एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी का कहना है कि यात्रियों को धर्मशालाओं, आश्रम में ठहराया जा रहा है।

वहीँ दूसरी ओर तमाम ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जहाँ पंजीकरण करने के बावजूद भी तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर नहीं आ रहे हैं।  उत्तराखंड सरकार द्वारा चारों धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित की गयी है जिसके बाद फ़िलहाल 5 जून तक के सभी पंजीकरण तो फुल हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद यात्री यहाँ नहीं पहुँच रहे हैं। जिसके बाद से स्थानीय व्यवसायी परेशान हैं। केदारनाथ के स्थानीय व्यवसायी कह रहे हैं कि धाम में निर्धारित संख्या में   13000 यात्री प्रतिदिन यात्रा पर भेजने की बात कही ओर बिना  रजिस्ट्रेशन के कोई यात्रा ना करे कहा गया, रजिस्ट्रेशन वाले हजारों लोग कुछ ना कुछ कारण वश नहीं आ पाते फिर इसकी भरपाई कैसे होगी।

वहीं पिछले वर्ष की तरह होने लग गया यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है। चारों धामों के लोग चाहते हैं कि संख्या सीमा व रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिया जाना चाहिए। आपको बता दें पर्यटन विभाग ने ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था को और सख्त बना दिया है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि अब ऑफलाइन पंजीकरण सिर्फ एक सप्ताह के भीतर का ही होगा। एक सप्ताह से अधिक समय का पंजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।

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