उत्तराखंड में राजधानी देहरादून में रबड़ के टायरों वाली मेट्रो यानी मेट्रो नियो को चलाने का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। हालांकि अब केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद लगभग 5 साल के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की उम्मीद एक बार फिर से जगी है। हालांकि प्रदेश सरकार काफी लंबे समय से देहरादून में मेट्रो चलाने के लिए प्रयास कर रही है। वहीं, बीते साल मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की बोर्ड बैठक में इसे हरी झंडी दिखा दी गई थी।

बीते पांच वर्षों से सरकारी मंत्रालयों के चक्कर काट रहे देहरादून में नियो मेट्रो चलाने के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार ने अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। अब केंद्र की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद देहरादून के इस प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार प्रथम चरण में देहरादून के दो रूटों पर नियो मेट्रो चलाना चाहती है। जिसमें केंद्र सरकार के साथ पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी निर्धारित की गई है वहीं दूसरे चरण में राज्य सरकार का प्रस्ताव मेट्रो के जरिए हरिद्वार-ऋषिकेश से जोड़ने का है।

बताया गया है कि दो चरणों में पूरे होने वाली इस प्रोजेक्ट की प्रस्तावित लागत वर्तमान में लगभग 1600 करोड़ रुपये आंकी गई है। जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा लोन लेने की बात कही जा रही है। दो रूटों पर प्रस्तावित इस नियो मैट्रो ट्रेन के लिए राज्य सरकार द्वारा क‌ई स्टेशन निर्धारित किए गए हैं। एफआरआई से रायपुर (13.9 किमी) रूट पर एफआरआई, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, आराघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर आदि स्थानों पर स्टेशन निर्धारित किए गए हैं। जबकि आईएसबीटी से गांधी पार्क (दूरी 8.5 किमी) रूट पर आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कोर्ट आदि स्थानों पर स्टेशन बनाए जाएंगे।

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