उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट से बीजेपी ने जहां भरत सिंह चौधरी पर दोबारा भरोसा जताया है। तो वहीं, कांग्रेस ने जखोली ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल पर दांव खेला है। ये वही प्रदीप थपलियाल हैं, जिन्होंने साल 2017 में कांग्रेस से बगावत करके कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। यही कारण था कि कांग्रेस में फूट पड़ गई थी और कांग्रेस प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा था। चुनाव हारने के बाद प्रदीप थपलियाल फिर से कांग्रेस में शामिल हो गये, जिसका फायदा उन्हें इस बार मिला है। कांग्रेस ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, मातबर सिंह कंडारी, अंकुर रौथाण सहित अन्य दावेदारों को किनारे कर बागी प्रदीप थपलियाल पर दांव खेला है। उन्हें टिकट मिलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी बनी हुई है।

रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने लंबी कवायद के बाद वर्तमान ब्लाक प्रमुख प्रदीप थपलियाल को टिकट दिया। टिकट के पीछे उनका 108 ग्राम पंचायतों वाले रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के जखोली विकास खंड का ब्लाक प्रमुख होना सबसे मुख्य रहा। जखोली विकास खंड रुद्रप्रयाग विधानसभा का सत्तर फीसदी क्षेत्र है। साथ ही उनकी क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने व जनता के बीच अच्छी छवि, पार्टी हाईकमान पर अच्छी पकड़ को देखते हुए पार्टी संगठन ने उन पर भरोसा जताया। पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे और छह हजार मत लाने में सफल रहे।

प्रदीप ने गढ़वाल विश्व विद्यालय श्रीनगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया, छात्र संघ उपाध्यक्ष चुने जाने के बाद वह वर्ष 2003 में जिला पंचायत सदस्य चुने गए और जिला पंचायत उपाध्यक्ष बने। कांग्रेस संगठन में जिलाध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। वर्तमान में रुद्रप्रयाग विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी क्षेत्र जखोली के ब्लाक प्रमुख हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के करीबी होने के साथ ही हरीश रावत से भी उनके संबंध मधुर है, जिसका फायदा उन्हें मिला। जखोली क्षेत्र पर मजबूत पकड़, युवा चेहरे व क्षेत्र में अच्छी छवि के चलते ही पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है।

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