उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को एक बड़ी राहत दी है। एमबीबीएस के छात्रों की एक साल की निर्धारित चार लाख रुपये की फीस को अब 1.45 लाख रुपये कर दिया गया है। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उत्तराखंड में ही सेवाएं देने का बांड भरने वाले छात्रों के लिए 50 हजार रुपये शुल्क तय किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मेडिकल छात्रों की फीस ढाई लाख रुपये सालाना घटाई गई है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक पूरे देश में उत्तराखंड मेडिकल छात्रों की सबसे कम फीस हो गई है।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों के 25 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, इनमें से एक प्रकरण पर निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया है। कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, जिसके तहत राज्य में महिलाओं को सप्ताह में दो दिन फल, सूखे मेवे और अंडे जैसे पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे, को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। उनियाल ने कहा कि कैबिनेट ने पर्यटन के लिए आशा सहायिकाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 20 दौरों के लिए 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

मंत्रि-परिषद ने पुरानी नीति, उत्तराखंड नदी तलकर्षण नीति 2021 में संशोधन कर स्टोन क्रेशर नीति 2021, कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों के लिए प्री-लोडेड टैबलेट की खरीद में तेजी लाने के लिए निविदा शर्तों में बदलाव और सब्सिडी से संबंधित प्रावधानों का सरलीकरण को भी मंजूरी दी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत प्रदान किया गया। गैरसैंण में 29 और 30 नवंबर को दो दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित किया जाएगा। उनियाल ने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि 4800 वेतन ग्रेड वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को अधिकतम 7000 रुपये और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 1184 रुपये का बोनस दिया जाएगा। इस निर्णय से राज्य में लगभग 1.6 लाख कर्मचारियों और दैनिक ग्रामीणों को लाभ होगा।

 

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