नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर एक शख्स ने उस समय गोली चला दी जब वह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश गेट पर अपनी सजा के तौर पर पहरेदारी कर रहे थे। सुखबीर बादल पर हमला करने वाले आरोपी नारायण सिंह चौरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमले का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि बादल गोल्डन टेम्पल के मेन गेट पर व्हीलचेयर पर बैठे हैं, उनके गले में तख्ती लटकाई हुई है और हाथ में भाला है। तभी एक व्यक्ति ने उन पर गोली चलाई, लेकिन शुक्र था कि गोली बादल को लगी नहीं। इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने आरोपी नारायण सिंह चौरा को पकड़ लिया।

सुखबीर बादल को मिली है धार्मिक सजा
सुखबीर सिंह बादल को 2 दिन की धार्मिक सजा मिली थी, जिसमें उन्हें स्वर्ण मंदिर के गेट पर गार्ड बनकर सेवा करनी है। मंगलवार से वह अपनी सजा काट रहे हैं। एक दिन पहले भी आरोपी नारायण सिंह चौरा स्वर्ण मंदिर आया था, जब सुखबीर बादल की सजा का पहला दिन था। आरोपी तब से ही बादल पर हमला करने की फिराक में था।

सुखबीर बादल को क्यों मिली सजा?
अकाल तख्त ने पंजाब में 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए सुखबीर सिंह बादल की ‘तनखा’ (धार्मिक सजा) का एलान किया था। उन्हें ‘सेवादार’ के तौर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में बर्तन और जूते साफ करने का आदेश दिया गया। अमृतसर में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) की कार्यकारिणी को पार्टी अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा मंजूर करने का निर्देश भी दिया।

कौन है गोली चलाने वाला नारायण सिंह चौरा?
नारायण सिंह चौरा कट्टरपंथी विचारधारा और खालिस्तानी आतंकियों का समर्थक है। वह पंजाब के माझा क्षेत्र का रहने वाला है और उस पर आतंकियों की मदद करने का आरोप भी है। वह पंजाब की सबसे बड़ी जेल ब्रेक में शामिल रहा था, जब उसने 94 फीट की सुरंग खोदकर पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह हत्याकांड में शामिल आतंकियों को फरार किया था। नारायण सिंह चौरा 1984 में पाकिस्तान भी गया था, जहां से ट्रेनिंग लेकर वह पंजाब में आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहा।

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