उत्तराखंड में बीते दो दिनों से मौसम के अचानक करवट बदलने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। भूस्खलन के मलबे में दबकर लैंसडौन के पास समखाल में मां, बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए हैं। नेपाल के रहने वाले यह सभी लोग समखाल में एक होटल के निर्माण में लगे हुए थे। उधर, चंपावत जिले के सेलाखोला गांव में मलबे में दबकर मां और बेटे की मौत हो गई है। सोमवार दोपहर लैंसडौन तहसील में गूमखाल और जयहरीखाल के बीच स्थित समखाल में भारी बारिश मजदूर परिवारों के लिए काल बनकर आई है।

अचानक पहाड़ से गिरे मलबे में एक टेंट के दबने से मां-बेटी समेत तीन की मौत हो गई। दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। दोनों को जयहरीखाल में प्राथमिक उपचार के बाद कोटद्वार बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलते ही लैंसडौन कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू कराया। लैंसडौन के कोतवाल संतोष कुंवर ने बताया कि जयहरीखाल के पास एक होटल के निर्माण में काम कर रहे नेपाल निवासी श्रमिक पास के खेतों में टेंट लगाकर रह रहे थे। क्षेत्र में भारी बारिश के कारण सोमवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे पहाड़ी से मलबा आया और टैंट को अपनी चपेट में ले लिया।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार, आज कुमाऊं मंडल के कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में भारी से अत्यंत भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं, गढ़वाल मंडल के मैदानी क्षेत्रों में मौसम आंशिक रूप से लेकर आमतौर साफ रहेगा। कुछ पर्वतीय इलाकों में एक दौर बौछार पड़ सकती हैं। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी होने की संभावना है। बुधवार से शुक्रवार तक प्रदेशभर में मौसम साफ रहने का अनुमान है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ का जो दबाव उत्तराखंड के ऊपर बना हुआ था, वह धीरे-धीरे कम हो गया है। मंगलवार को कुमाऊं मंडल के पर्वतीय जनपदों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। यहां यलो अलर्ट जारी किया गया है।

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