जम्मू- कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों से मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो और लाल काम आए। मुठभेड़ में टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लाक के रामपुर खाड़ी गांव के रहने वाले सूबेदार अजय रौतेला और पौड़ी गढ़वाल जिले के पीपलसारी(रिखणीखाल) के नायक हरेंद्र सिंह शहीद हो गए। इससे पहले इसी मुठभेड़ में टिहरी जिले के राइफलमैन विक्रम सिंह और चमोली जिले के राइफलमैन योगंबर सिंह सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूबेदार अजय रौतेला और नायक हरेंद्र सिंह के शहीद होने पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि 14 अक्तूबर को आतंकियों से भाटादूड़ियां के नाड़ खास जंगल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। सूबेदार अजय सिंह और हरेंद्र सिंह से संपर्क टूट गया था। इसके बाद से उनकी तलाश की जा रही थी। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के बीच शनिवार की शाम को उनके शव बरामद कर लिए गए हैं। गुरुवार शाम से पुंछ जिले के मेंढर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन के दौरान भारी गोलीबारी हुई। जिसमें राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और राइफलमैन योगंबर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में शहादत को प्राप्त हुए। शहीद राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी (उम्र 26 साल) जिला टिहरी गढ़वाल और रायफलमैन योगंबर सिंह (उम्र 27 साल) जिला चमोली के रहने वाले थे।

शहादत की सूचना मिलने के बाद से ही दोनों जवानों के परिवार में कोहराम मच गया और पूरे गांव में मातम पसर गया। शहीद अजय सिंह के भाई दीपक रौतेला ने बताया कि 46 वर्षीय अजय रौतेला 17 गढ़वाल राइफल में थे और वर्तमान में आरआर 48 (राष्ट्रीय राइफल) में जम्मू कश्मीर में तैनात थे। उन्होंने बताया कि 12 सितंबर को ही उनके भाई अजय छुट्टी बिताकर जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर गए थे। दो साल बाद उनका रिटायरमेंट था।

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