देवभूमि उत्तराखंड में बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा संचालन पर हाईकोर्ट से लगी रोक के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की हुई है। अब यही एसएलपी गले की फांस बन गयी है जिसकी वजह से हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में धामी सरकार सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने जा रही है। इस दिशा में प्रयास भी शुरू हो गए हैं। आपको बता दें हाईकोर्ट ने कोरोना के कारण चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। अब इस रोक को हटाने को लेकर सरकार की ओर से हाईकोर्ट में गुजारिश की जा रही है, लेकिन यहाँ गड़बड़ ये है कि सरकार स्वयं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है।

अब चारधाम यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) को सरकार वापस लेगी। मामले की सुनवाई में विलंब होने के कारण सरकार ने यह निर्णय लिया है। सरकार चाहती है कि हाईकोर्ट में ही चारधाम यात्रा संचालित करने का फैसला हो जाए। इसके लिए कोर्ट में मजबूती से पैरवी की जाएगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई में विलंब होने की वजह से सरकार ने याचिका वापस लेने का फैसला लिया है। सरकार का चाहती है कि चारधाम यात्रा शुरू करने पर तत्काल फैसला हो।

महाराज ने कहा कि कोर्ट में सरकार मजबूती से पैरवी करेगी। हाईकोर्ट से सुनवाई के लिए कंप्यूटर जनरेटेड तारीख मिल रही है। जिससे मामले बहस नहीं हो पाई है। अब सरकार ने फैसला लिया कि तत्काल हाईकोर्ट में मामले को रखा जाए। महाराज ने कहा कि उम्मीद है कि हाईकोर्ट का फैसला जनभावनाओं के अनुरूप होगा। आपको बता दें कि हाईकोर्ट नैनीताल के आदेश के बावजूद पहले सरकार एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने पर अडिग रही थी लेकिन फिर दस घंटें के भीतर ही बैकफुट पर आ गई। अब सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है। कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। हाईकोर्ट ने तैयारियां पूरी न होने पर सरकार को एक जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा रोकने के आदेश दिए थे।

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